पिछले तीन दिनों से Gold की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान सोने और चांदी को लेकर एक बड़ा ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद, सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई।
बजट भाषण के दौरान, वित्त मंत्री ने सोने और चांदी सहित बाकी मेटल्स पर कस्टम ड्यूटी को घटाने का ऐलान किया। इससे Gold की कीमतें तेजी से कम हो गईं। इस लेख में, हम इस घटना के विभिन्न पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि सोने के निवेशकों के लिए आगे क्या संभावनाएं हैं।
बजट भाषण के बाद Gold की कीमतों में गिरावट
23 जुलाई को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश कर रही थीं, उस समय MCX एक्सचेंज पर Gold के रेट ₹58500 प्रति 10 ग्राम के लेवल पर थे। जैसे ही सोने, चांदी और बाकी मेटल्स पर कस्टम ड्यूटी कम करने का ऐलान हुआ, सोने की कीमतें कम होनी शुरू हो गईं। वित्त मंत्री का बजट भाषण खत्म होते-होते, सोने के दाम ₹57000 तक गिर चुके थे, यानी कुछ ही घंटों में सोना ₹1500 सस्ता हो गया था।
चांदी में भी गिरावट देखी गई। MCX पर चांदी करीब ₹4740 सस्ती होकर ₹68275 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी। गुरुवार को भी गोल्ड के भाव ₹1000 से ज्यादा टूट गए और गोल्ड इन्वेस्टर्स में हड़कंप जैसे हालात पैदा हो गए। 25 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे के करीब MCX एक्सचेंज पर सोना ₹58000 से ज्यादा गिरकर ₹57000 पर था। चांदी भी ₹3000 से ज्यादा सस्ती होकर ₹68360 पर पहुंच चुकी थी।
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कस्टम ड्यूटी में कमी और इसका असर
सराफा कारोबारी काफी समय से Gold और चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम करने की मांग कर रहे थे, और इस बजट में उनकी यह डिमांड पूरी हो गई। अब तक सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी की प्रभावी दर 15% थी, जो अब 6% कर दी गई है। इस कटौती से सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
Gold मार्केट में वैश्विक रुझान
हाल के वर्षों में दुनिया भर के केंद्रीय बैंक गोल्ड खरीद रहे हैं। इसके साथ ही, डॉलर से पीछा छुड़ाने के लिए गोल्ड पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा है। इस वजह से गोल्ड के दाम लगातार मजबूत होते नजर आ रहे हैं। खासतौर पर पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाल के दौर में बड़े पैमाने पर गोल्ड खरीदा है।
जेपी मॉर्गन की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि गोल्ड के भाव अमेरिका में फेडरल रिजर्व के रेट कट से अब कनेक्ट नहीं हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि गोल्ड के साथ स्ट्रक्चरल बुल केस अभी भी कायम है। भले ही इसकी कीमतों में तेज उछाल आ चुका है, लेकिन लॉन्ग टर्म में गोल्ड में मजबूत रुझान ही दिखाई दे सकते हैं।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में नाडा के एशिया पैसिफिक के सीनियर मार्केट एनालिस्ट केल्विन वंग के हवाले से कहा गया कि फंडामेंटल पर्सपेक्टिव से अगर देखेंगे तो गोल्ड पर अभी कोई फैक्टर प्रेशर बनता नहीं दिखाई दे रहा है। हां, इसमें कुछ प्रॉफिट बुकिंग जरूर दिख रही है और टेक्निकल हिसाब से देखें तो कीमतें नीचे जा सकती हैं।
Gold निवेशकों के लिए सलाह
अगर आप गोल्ड इन्वेस्टर हैं या गोल्ड खरीदना चाहते हैं, तो आपको इसकी कीमतों को लेकर सोचना चाहिए। वर्तमान में Gold की कीमतों में गिरावट है, जो निवेश के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम बढ़ने पर इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है।
निष्कर्ष
Gold की कीमतों में आई इस गिरावट ने निवेशकों के सामने दो मुख्य सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले, जो पहले से गोल्ड में इन्वेस्टमेंट कर चुके हैं, उन्हें आगे क्या करना चाहिए, और दूसरे, जो अब गोल्ड में पैसा लगाना चाहते हैं, उन्हें कब निवेश करना चाहिए।
Gold में निवेश हमेशा से सुरक्षित माना गया है, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि आप बाजार के रुझानों पर ध्यान दें और समझदारी से निवेश करें। अगर आप भी गोल्ड में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो इसकी कीमतों और बाजार की स्थिति पर नजर रखें और सही समय पर निवेश करें।
आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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