SEBI: Traders are getting ruined in the stock market: SEBI report reveals

आज हम बात करेंगे SEBI की हालिया रिपोर्ट पर, जिसने शेयर बाजार में हो रहे ट्रेडर्स के नुकसान के बारे में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में लोगों को भारी नुकसान हो रहा है और इसका असर उनके वित्तीय स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

SEBI की रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

इंट्राडे ट्रेडिंग में घाटा

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अपनी स्टडी में पाया कि इंट्राडे इक्विटी सेगमेंट में 71% इंट्राडे ट्रेडर्स को वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान घाटा हुआ है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2019 में 65% और वित्तीय वर्ष 2022 में 69% था, यानी हर साल इंट्राडे ट्रेडिंग में घाटा बढ़ता जा रहा है। 

 SEBI का कहना है कि बार-बार ट्रेडिंग करने वालों का नुकसान का होता है।

जितना ज्यादा आप इंट्राडे ट्रेड करते हैं, घाटा उतना ही ज्यादा होता है। बार-बार ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स के लिए घाटे में चलने वालों का अनुपात बढ़कर 80% हो गया है। SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान सालाना ₹1 करोड़ से ज्यादा इंट्राडे टर्नओवर वाले 76% इंट्राडे ट्रेडर्स को घाटा हुआ है।

 ट्रेडर्स का औसत घाटा और प्रॉफिट

वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान, 1 करोड़ से ज्यादा सालाना कारोबार वाले इंडिविजुअल ट्रेडर्स को औसतन ₹3497 का घाटा हुआ है। जबकि प्रॉफिट कमाने वालों का औसत प्रॉफिट ₹9172 था, घाटे में रहने वालों का औसत घाटा ₹74575 था। घाटे में रहने वालों द्वारा किए गए ट्रेडों की औसत संख्या प्रॉफिट कमाने वालों की तुलना में ज्यादा थी, यानी जिनको लॉस है, उन्होंने ज्यादा ट्रेडिंग की और बार-बार ट्रेडिंग की।

 ट्रेडर्स का अनुभव और नुकसान

SEBI की स्टडी से यह भी पता चला कि अनुभव के बावजूद, कई ट्रेडर्स को घाटा हो रहा है। तीन साल से अधिक अनुभव वाले ट्रेडर्स को भी वित्तीय वर्ष 2023 में 54% का घाटा हुआ है।

 रिटेल इन्वेस्टर्स का हाल

SEBI की एक और स्टडी में यह बताया गया कि एफएओ (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) सेगमेंट में 10 में से नौ रिटेल इन्वेस्टर्स को घाटा हुआ है। 

 युवा ट्रेडर्स का आकर्षण

युवा इंट्राडे ट्रेडर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह संख्या 18% थी, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में बढ़कर 48% हो गई है। 

 लॉस ट्रेडिंग कॉस्ट

SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, नुकसान उठाने वालों को अतिरिक्त 57% लॉस ट्रेडिंग कॉस्ट के रूप में भुगतना पड़ता है, जबकि प्रॉफिट मेकर्स पर यह आंकड़ा 19% होता है।

 इस रिपोर्ट का महत्व

SEBI की यह रिपोर्ट शेयर बाजार में ट्रेडिंग के जोखिम को उजागर करती है। यह दिखाती है कि कैसे अधिकतर ट्रेडर्स को भारी नुकसान होता है और इसका कारण बार-बार ट्रेडिंग करना है। 

 रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया

यह रिपोर्ट उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो ट्रेडिंग को आसान और जल्दी पैसा कमाने का जरिया समझते हैं। 

 आपके विचार?

इस रिपोर्ट पर आपकी क्या राय है? क्या आप भी ट्रेडिंग करते हैं? आपका अनुभव कैसा रहा है? कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। 

जुड़ना बेहद आसान है और आप इससे अपनी ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के अनुभव को और भी बेहतर बना सकते हैं।

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