India और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेली गई टी20 सीरीज का अंतिम मैच ऐतिहासिक मुकाबला साबित हुआ। जब भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और 12 रन पर तीन विकेट गिर गए तो कई क्रिकेट प्रेमियों को लगने लगा कि मैच India के हाथ से फिसल गया है। वहीं इंग्लैंड की बल्लेबाजी से पता चला कि इंग्लैंड ने पांच ओवर में बिना विकेट खोए 62 रन बनाकर मैच पर पूरी तरह से अपना दबदबा बना लिया।
लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। मैच के दौरान एक ऐसा पल आया जिसने सभी को हैरान कर दिया। 12वें खिलाड़ी हर्षित राणा का मैदान पर आना और उनका शानदार प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों का मानना था कि India ने 12 खिलाड़ियों के होते हुए भी यह मैच जीत लिया। लेकिन यह सब आईसीसी के नियमों के तहत हुआ और रेफरी ने भी इस पर मुहर लगाई। नतीजा यह रहा कि India ने न सिर्फ मैच जीता, बल्कि सीरीज भी 3-1 से अपने नाम कर ली।
पहली पारी: शुरुआती झटकों के बाद भारत की जबरदस्त वापसी
India ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 181 रन बनाए, जो कि शुरुआती झटकों के बाद एक शानदार स्कोर था। हार्दिक पांड्या और शिवम दुबे की बेहतरीन पारियों ने टीम को इस सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
- शिवम दुबे: 34 गेंदों में 53 रन
- हार्दिक पांड्या: 30 गेंदों में 53 रन
शिवम दुबे और हार्दिक पांड्या की इस साझेदारी ने India को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया। शुरुआती 10.4 ओवर में सिर्फ 79 रन बने थे और चार विकेट गिर चुके थे, लेकिन आखिरी के 9.2 ओवर में 102 रन ठोक दिए गए। यह एक शानदार वापसी थी।
इंग्लैंड की तेज शुरुआत लेकिन India की घातक गेंदबाजी
इंग्लैंड की टीम ने भी तूफानी शुरुआत की।
- बेन डकेट: 19 गेंदों में 39 रन
- हैरी ब्रूक: 26 गेंदों में 51 रन
इन दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। लेकिन वरुण चक्रवर्ती और हर्षित राणा की बेहतरीन गेंदबाजी ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को बिखेर दिया।
हर्षित राणा: 12वें खिलाड़ी का जादू!
मैच के सबसे बड़े टर्निंग पॉइंट की बात करें तो हर्षित राणा का आना और उनकी शानदार गेंदबाजी सबसे ज्यादा चर्चा में रही।
- हर्षित राणा (4 ओवर, 33 रन, 3 विकेट)
उन्होंने आते ही लियाम लिविंगस्टन, जैकब बेथल और जेमी ओवर्टन के विकेट झटक लिए। 19वें ओवर में जब इंग्लैंड को 25 रन चाहिए थे, तब उन्होंने मात्र 6 रन देकर एक विकेट लिया और India को मैच में पूरी तरह से वापसी कराई।
क्या यह फेयर प्ले था?
इस मैच के बाद जो बड़ा सवाल उठा वो ये था कि क्या हर्षित राणा को सब्सटीट्यूट के तौर पर शामिल करना सही था? आईसीसी के नियमों के तहत ये सही था, लेकिन कई लोगों का मानना था कि शिवम दुबे और हर्षित राणा को शामिल करना ‘लाइक टू लाइक’ नहीं था। कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने इस फैसले पर सवाल उठाए। कुछ का मानना था कि ये एक तरह की मैच फ्रीडम थी, जबकि कुछ का कहना था कि ऐसे मौकों पर इंग्लैंड को भी फायदा हुआ है। 2019 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने नियमों की वजह से जीत हासिल की थी, इसलिए अब जब India को फायदा मिला तो इंग्लैंड को शिकायत करने की जरूरत नहीं है।
कप्तान सूर्यकुमार यादव का जादू
सूर्यकुमार यादव की कप्तानी कमाल की रही। उनकी अगुआई में India ने अभी तक कोई भी टी20 सीरीज नहीं हारी है।
- कैप्टन सूर्या का रिकॉर्ड: 21 मैच, 17 जीत, 4 हार (Win Percentage: 80%)
उन्होंने इस सीरीज में भी India को जबरदस्त तरीके से लीड किया और यह दिखाया कि वह कप्तान के रूप में भी सफल हो सकते हैं।
वरुण चक्रवर्ती की घातक गेंदबाजी
वरुण चक्रवर्ती का प्रदर्शन इस सीरीज में शानदार रहा। उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को काफी परेशान किया।
- वरुण चक्रवर्ती: 4 ओवर, 28 रन, 2 विकेट
उन्होंने इस मैच में भी अहम विकेट लिए और India को जीत दिलाने में बड़ा योगदान दिया।
क्या इंडिया ने 12 खिलाड़ियों के साथ मैच जीता?
यह सवाल इस मैच के बाद सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में बहुत चर्चा में रहा। हर्षित राणा को ‘कंकशन सब्सीट्यूट’ के रूप में शामिल किया गया, लेकिन कई लोगों ने इसे अनुचित बताया। आईसीसी को इस नियम पर पुनर्विचार करने की जरूरत हो सकती है। हालांकि, यह पहली बार नहीं था जब भारत ने ऐसा किया हो। दिसंबर 2020 में भी युजवेंद्र चहल, रवींद्र जडेजा की जगह ‘कंकशन सब्सीट्यूट’ के रूप में आए थे और भारत ने वह मैच जीता था।
फील्डिंग में सुधार की जरूरत
हालांकि भारत ने यह सीरीज जीत ली, लेकिन फील्डिंग में सुधार की जरूरत है। संजू सैमसन ने कई कैच छोड़े, जिससे टीम को नुकसान हुआ। अगर भारत को आगे भी ऐसे मैच जीतने हैं तो फील्डिंग को और मजबूत करना होगा।
गौतम गंभीर और सूर्या की जोड़ी का जलवा
गौतम गंभीर और सूर्यकुमार यादव की जोड़ी अभी तक अपराजित रही है। गंभीर का इमोशनल रिएक्शन भी देखने लायक था। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे भी यह जोड़ी भारत को कितनी और जीत दिला पाती है।
निष्कर्ष
भारत ने इस सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया और 3-1 से जीत दर्ज की। भले ही इस मैच में ’12वें खिलाड़ी’ की भूमिका को लेकर विवाद हो रहा हो, लेकिन एक बात साफ है कि भारत ने शानदार वापसी की और मैच जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया। अब देखना यह है कि आईसीसी इस नियम में कोई बदलाव करता है या नहीं। फिलहाल भारतीय टीम इस जीत का जश्न मना रही है और क्रिकेट फैंस सूर्यकुमार यादव की कप्तानी की तारीफ कर रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि हर्षित राणा को सब्सीट्यूट के रूप में लाना सही था? अपनी राय कमेंट सेक्शन में दें!
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