Side effects of gentamicin and amikacin in kidney disease: Avoid quack doctors

Quack doctors : स्वास्थ्य एक अनमोल संपत्ति है, लेकिन गलत इलाज और झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) के कारण कई बार यह जोखिम में पड़ जाती है। किडनी की बीमारी जैसे गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों में, सही इलाज और सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। जेंटामाइसिन और एमिकासिन जैसे एंटीबायोटिक्स का उपयोग किडनी पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। यह लेख आपको इन दवाओं के उपयोग, उनके दुष्प्रभाव, और झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) से इलाज करवाने के खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी देगा।

जेंटामाइसिन और एमिकासिन: क्या हैं ये दवाएं?

जेंटामाइसिन और एमिकासिन एमिनोग्लाइकोसाइड ग्रुप की दवाएं हैं। इन्हें बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में उपयोग किया जाता है, खासकर जब अन्य एंटीबायोटिक्स कारगर नहीं होतीं। ये दवाएं गंभीर संक्रमणों जैसे सेप्सिस, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), और हड्डियों में संक्रमण के इलाज में मददगार हो सकती हैं।

हालांकि, इन दवाओं के उपयोग के साथ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनमें नेफ्रोटॉक्सिसिटी (किडनी को नुकसान) और ऑटो टॉक्सिसिटी (कानों को नुकसान) प्रमुख हैं।

नेफ्रोटॉक्सिसिटी और ऑटो टॉक्सिसिटी: खतरनाक साइड इफेक्ट

नेफ्रोटॉक्सिसिटी (किडनी को नुकसान)

जेंटामाइसिन और एमिकासिन का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव किडनी पर होता है। ये दवाएं किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती हैं और किडनी फेलियर का कारण बन सकती हैं।

  • लक्षण: पेशाब में कमी, सूजन, थकान, और ब्लड यूरिया और क्रिएटिनिन लेवल में वृद्धि।
  • कारण: इन दवाओं की उच्च डोज या लंबे समय तक उपयोग से किडनी की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है।

ऑटो टॉक्सिसिटी (कानों को नुकसान)

इन दवाओं का दूसरा गंभीर साइड इफेक्ट कानों पर पड़ता है। इससे स्थायी सुनने की समस्या या कानों में आवाज (टिनिटस) हो सकती है।

  • लक्षण: सुनने में कठिनाई, चक्कर आना, और बैलेंस बनाए रखने में दिक्कत।
  • कारण: दवाएं कान के अंदर के सेंसरी सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं, जो स्थायी हो सकता है।

झोलाछाप डॉक्टर (Quack doctors): आपकी किडनी और कान के लिए सबसे बड़ा खतरा

झोलाछाप डॉक्टर (Quack doctors) कौन हैं?

झोलाछाप डॉक्टर (Quack doctors) वे होते हैं जिनके पास चिकित्सा की कोई उचित डिग्री या प्रशिक्षण नहीं होता। ये डॉक्टर बिना किसी वैज्ञानिक समझ और अनुभव के मरीजों का इलाज करते हैं।

इनका खतरनाक इलाज

झोलाछाप डॉक्टर (Quack doctors) एंटीबायोटिक्स को हल्के में लेते हैं और इनका उपयोग ऐसे करते हैं जैसे ये कोई साधारण दवा हो।

  • गलत डोज: मरीज को उनकी स्थिति के अनुसार सही खुराक नहीं दी जाती।
  • अनावश्यक एंटीबायोटिक्स: बिना आवश्यकता के ही जेंटामाइसिन और एमिकासिन जैसी दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • परिणाम: मरीज की किडनी और कान पर इसका गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है, जो कभी-कभी जीवनभर ठीक नहीं हो पाता।

क्यों जरूरी है डॉक्टर की सलाह?

सही डोज और उपचार

एक प्रशिक्षित डॉक्टर आपकी बीमारी की गंभीरता, शरीर की सहनशक्ति, और संक्रमण की प्रकृति के आधार पर दवा और उसकी खुराक तय करता है।

निगरानी और फॉलो-अप

डॉक्टर दवाओं के उपयोग के दौरान आपके शरीर पर नजर रखते हैं और समय-समय पर परीक्षण करवाते हैं, ताकि साइड इफेक्ट्स का पता चल सके।

वैकल्पिक इलाज

जरूरत पड़ने पर डॉक्टर इन दवाओं का विकल्प भी सुझा सकते हैं, जो आपके लिए सुरक्षित हो।

जानकारी ही बचाव है: सही इलाज कैसे चुनें?

  1. एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल समझदारी से करें:
    • डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न लें।
    • दवा को पूरा कोर्स करें और बीच में बंद न करें।
  2. झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) से बचें:
    • सिर्फ प्रशिक्षित और पंजीकृत डॉक्टर से ही इलाज कराएं।
    • अस्पताल या क्लीनिक के प्रमाण पत्र जांचें।
  3. स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करें:
    • गूगल और अन्य विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।
    • अपने अधिकार और इलाज के तरीकों के बारे में जागरूक रहें।
  4. किडनी और कान की जांच करवाएं:
    • लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स लेने के बाद नियमित जांच करवाएं।
    • शुरुआती चरण में समस्या पकड़ने पर उपचार संभव है।

मेडिकल छात्रों को सिखाई जाने वाली सावधानियां

मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर छात्रों को सिखाते हैं कि एंटीबायोटिक्स का गलत इस्तेमाल किस प्रकार मरीज के लिए घातक हो सकता है।

  • व्यवस्थित तरीके से इलाज: मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद ही दवा दी जानी चाहिए।
  • साइड इफेक्ट्स पर नजर: डॉक्टर को हमेशा साइड इफेक्ट्स को ध्यान में रखना चाहिए।

क्यों जरूरी है झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) पर कार्रवाई?

सरकार और स्वास्थ्य विभाग को झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।

  • लाइसेंस की जांच: बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
  • सामाजिक जागरूकता: जनता को जागरूक किया जाए कि वे सिर्फ प्रशिक्षित डॉक्टरों से ही इलाज कराएं।

निष्कर्ष

जेंटामाइसिन और एमिकासिन जैसी एंटीबायोटिक्स के उपयोग में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) के गलत इलाज के कारण मरीज अपनी किडनी और कान की कार्यक्षमता खो सकते हैं। जानकारी ही बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।

हम सभी को जागरूक होना चाहिए और दूसरों को भी इस बारे में शिक्षित करना चाहिए। अपनी सेहत को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर से ही इलाज कराएं और झोलाछाप डॉक्टरों (Quack doctors) से दूरी बनाएं।

आपकी सेहत आपकी जिम्मेदारी है। गलत इलाज से बचें, सही जानकारी प्राप्त करें, और स्वस्थ रहें।

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