Prithvi Shaw भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम है जिसे कभी अगला सचिन तेंदुलकर कहा गया था। उनकी बल्लेबाजी की प्रतिभा ने उन्हें कम उम्र में ही सुर्खियों में ला दिया। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनका करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उनकी प्रतिभा पर कभी किसी ने सवाल नहीं उठाया, लेकिन उनके अनुशासन और फिटनेस को लेकर हमेशा चर्चाएं हुई हैं। इस ब्लॉग में हम Prithvi Shaw के करियर, उनके संघर्ष, और उनके भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
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Prithvi Shaw: शुरुआती जीवन और क्रिकेट में कदम
Prithvi Shaw का जन्म 9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में हुआ। बचपन से ही उनका झुकाव क्रिकेट की ओर था। उनके पिता पंकज शॉ ने अपने बेटे की क्रिकेट में रुचि को देखते हुए उसे पूरी तरह से सपोर्ट किया।
पृथ्वी ने बहुत ही कम उम्र में क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी। 2013 में, उन्होंने एक स्कूल मैच में 546 रन की पारी खेलकर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह पारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी पारियों में से एक मानी जाती है। इसके बाद, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी जगह बनाई और अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया।
अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत
2018 में, Prithvi Shaw ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट डेब्यू किया। राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पहले ही मैच में उन्होंने शतक लगाया और ‘मैन ऑफ द मैच’ का पुरस्कार जीता। उनके इस प्रदर्शन के बाद उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से की जाने लगी।
लेकिन यह करियर का वह दौर था जब सब कुछ उनके पक्ष में था। इसके बाद उन्हें चोटों और अनुशासनहीनता के कारण टीम से बाहर रहना पड़ा।
घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में प्रदर्शन
रणजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी
Prithvi Shaw ने घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते हुए कई शानदार पारियां खेलीं। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू सीजन में 500 से अधिक रन बनाए। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया।
आईपीएल करियर
Prithvi Shaw ने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलते हुए 2018 में डेब्यू किया। उन्होंने कई बार अपनी टीम के लिए तेज तर्रार पारियां खेलीं। हालांकि, उनका प्रदर्शन हमेशा निरंतर नहीं रहा। 2025 में, आईपीएल के मेगा ऑक्शन में उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा, जिससे उनके करियर पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
Prithvi Shaw और विवाद
अनुशासन और फिटनेस का मुद्दा
Prithvi Shaw के करियर में सबसे बड़ा रोड़ा उनका अनुशासनहीन रवैया और फिटनेस रही है। 2022 में वह यो-यो टेस्ट में फेल हो गए, जो कि भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए एक महत्वपूर्ण मापदंड है।
प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन
2019 में, Prithvi Shaw पर आठ महीने का प्रतिबंध लगाया गया। यह प्रतिबंध प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के कारण लगा। उन्होंने बाद में सफाई दी कि यह गलती से हुआ, लेकिन इससे उनके करियर पर नकारात्मक असर पड़ा।
सोशल मीडिया विवाद
2023 में, Prithvi Shaw एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ विवाद के कारण चर्चा में आए। इस विवाद ने उनकी छवि को और खराब कर दिया।
विजय हजारे और रणजी ट्रॉफी में बाहर होना
पिछले कुछ समय से Prithvi Shaw का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन भी सवालों के घेरे में है। 2025 में, मुंबई की विजय हजारे ट्रॉफी टीम से उन्हें बाहर कर दिया गया। उनके कप्तान श्रेयस अय्यर ने इस पर बयान देते हुए कहा, “पृथ्वी में गॉड-गिफ्टेड टैलेंट है, लेकिन वर्क एथिक्स और अनुशासन की कमी उनकी सबसे बड़ी समस्या है।”
रणजी ट्रॉफी में भी Prithvi Shaw को ड्रॉप किया गया, जिससे यह साफ हो गया कि उनका प्रदर्शन और रवैया दोनों टीम प्रबंधन को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
विजय हजारे ट्रॉफी से बाहर किए जाने के बाद, Prithvi Shaw ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा:
65 पारियों में 55 की औसत से 3399 रन बनाए हैं। अगर यह भी काफी नहीं है, तो मुझे समझ नहीं आता। उम्मीद है लोग मुझ पर भरोसा रखेंगे। ओम साईं राम।
उनकी इस पोस्ट पर कई क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों ने प्रतिक्रिया दी। हालांकि, उनकी समस्या सिर्फ प्रदर्शन नहीं बल्कि अनुशासन और फिटनेस भी है।
क्रिकेट विशेषज्ञों की राय
श्रेयस अय्यर का बयान
मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर ने कहा, Prithvi Shaw एक गॉड-गिफ्टेड खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अपने रवैये और वर्क एथिक्स पर ध्यान देने की जरूरत है। हम किसी खिलाड़ी की बेबीसिटिंग नहीं कर सकते।”
केविन पीटरसन की सलाह
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा कि पृथ्वी को सोशल मीडिया से दूर रहकर अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए।
रवि शास्त्री का बयान
भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा, “पृथ्वी में सचिन, सहवाग और लारा की झलक है, लेकिन अगर वह अनुशासन में नहीं आए तो यह टैलेंट बर्बाद हो जाएगा।”
वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां
पृथ्वी शॉ के सामने अभी कई चुनौतियां हैं:
- फिटनेस में सुधार: उन्हें अपने बढ़ते वजन और फिटनेस पर काम करना होगा।
- अनुशासन और मानसिक मजबूती: उन्हें अनुशासनहीनता और विवादों से दूर रहना होगा।
- निरंतर प्रदर्शन: घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
- सोशल मीडिया से दूरी: उन्हें सोशल मीडिया पर कम और अपने खेल पर अधिक ध्यान देना चाहिए।
क्या पृथ्वी शॉ वापसी कर सकते हैं?
क्रिकेट इतिहास में कई खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिन्होंने बुरे दौर से उबरकर शानदार वापसी की है। पृथ्वी शॉ के पास भी यह मौका है। उनके पास प्रतिभा है, और अगर वह अपने रवैये और फिटनेस पर ध्यान देंगे, तो वह भारतीय क्रिकेट में फिर से जगह बना सकते हैं।
निष्कर्ष
पृथ्वी शॉ भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन उनका करियर इस बात का उदाहरण है कि सिर्फ टैलेंट ही पर्याप्त नहीं होता। अनुशासन, फिटनेस, और मानसिक मजबूती भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। अगर पृथ्वी शॉ इन पहलुओं पर काम करेंगे, तो वह न केवल अपनी टीम में वापसी कर सकते हैं, बल्कि एक लंबा और सफल करियर भी बना सकते हैं।
पृथ्वी के फैंस और क्रिकेट प्रेमी यही उम्मीद करते हैं कि वह इन सभी चुनौतियों का सामना करेंगे और भारतीय क्रिकेट में एक बार फिर अपनी चमक बिखेरेंगे।
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