भारतीय क्रिकेट में Rohit शर्मा और विराट कोहली की भूमिका और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। लेकिन उनके हालिया प्रदर्शन और उम्र को देखते हुए यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है कि अगर ये दोनों खिलाड़ी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने में विफल रहे तो क्या उनका युग समाप्त हो जाएगा।
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WTC फाइनल की मौजूदा स्थिति और चुनौतियां
इंडिया को WTC फाइनल में पहुंचने के लिए आगामी तीन टेस्ट मैचों में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में 10 विकेट से मिली हार ने टीम की कमजोरियों को उजागर किया है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका को कुछ मैचों में जीत दर्ज करनी है, जिससे इंडिया के लिए समीकरण और कठिन हो गया है।
इस कठिन परिदृश्य में, Rohit और विराट का फॉर्म भी चिंता का विषय बना हुआ है। उनके प्रदर्शन ने न सिर्फ टीम की स्थिति को कमजोर किया है, बल्कि उनके भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
Rohit शर्मा का प्रदर्शन: क्या यह उनका अंत है?
Rohit शर्मा, जिन्हें “हिटमैन” के नाम से जाना जाता है, पिछले दो सालों में टेस्ट क्रिकेट में अपनी छवि के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
- 2023 का प्रदर्शन:
- 12 पारियों में सिर्फ 141 रन।
- औसत: 12।
- आखिरी 11 पारियों में दहाई का आंकड़ा भी मुश्किल से पार हुआ।
- पिछले दो वर्षों का आंकड़ा:
- 38 पारियों में 33 की औसत से 1226 रन।
- WTC के तीनों चक्रों में उनकी औसत 32 से कम रही है।
Rohit के ये आंकड़े उस स्तर के नहीं हैं जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है। कप्तानी में भी उनकी रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं, खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल के मैचों में।
विराट कोहली: संघर्ष का दूसरा नाम
विराट कोहली का हालिया प्रदर्शन उनके शानदार करियर से बिल्कुल मेल नहीं खाता। एक समय वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते थे, लेकिन इस साल उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
- 2023 का प्रदर्शन:
- इस साल के स्कोर: 46, 12, 29, 40, 24, 37, 9, 20, 6, 17।
- केवल तीन बड़े स्कोर (76, 100, 113)।
- पिंक बॉल टेस्ट में भी फ्लॉप प्रदर्शन (18 और 11 रन)।
- ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन:
- 15 टेस्ट मैचों में 1475 रन, 7 शतक।
- लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
विराट का औसत जो कभी 50 के ऊपर हुआ करता था, वह अब तेजी से गिरता दिख रहा है।
उम्र और फिटनेस का पहलू
- Rohit शर्मा: 36 साल के होने वाले हैं।
- विराट कोहली: 35 के करीब हैं।
इन उम्र में फॉर्म और फिटनेस को बनाए रखना मुश्किल होता है। टेस्ट क्रिकेट का उच्चतम स्तर खेलने के लिए मानसिक और शारीरिक फिटनेस दोनों का मजबूत होना आवश्यक है।
क्या यह बदलाव का समय है?
WTC फाइनल में न पहुंचने की स्थिति में, भारतीय क्रिकेट को नई दिशा की ओर देखने की जरूरत पड़ सकती है।
- युवाओं को मौका:
शुभमन गिल, ऋषभ पंत (अगर फिट हो जाते हैं), सरफराज खान, और पृथ्वी शॉ जैसे युवा खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने की क्षमता रखते हैं। - नई कप्तानी:
केएल राहुल, ऋषभ पंत (भविष्य में), और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों को नेतृत्व की जिम्मेदारी देने पर विचार किया जा सकता है। - संक्रमण की प्रक्रिया:
भारतीय क्रिकेट में बदलाव का समय पहले भी आया है। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों के युग के बाद भी टीम ने खुद को नए सिरे से स्थापित किया।
भावनात्मक पहलू: Rohit और विराट का महत्व
- Rohit और विराट का योगदान केवल रन बनाने तक सीमित नहीं है। उन्होंने इंडियन क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
- विराट की आक्रामक कप्तानी और Rohit की रणनीतिक सोच ने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी।
- इन दोनों को अलविदा कहना आसान नहीं होगा, क्योंकि वे न सिर्फ खिलाड़ी हैं बल्कि टीम के मार्गदर्शक भी हैं।
निष्कर्ष: फैसला प्रदर्शन पर निर्भर
आने वाले तीन टेस्ट मैच तय करेंगे कि Rohit शर्मा और विराट कोहली का सफर आगे कितना लंबा होगा। अगर ये दोनों खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से टीम को WTC फाइनल में पहुंचाने में सफल हो जाते हैं, तो शायद उन्हें एक और मौका मिल सकता है। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भारतीय क्रिकेट के लिए इन दिग्गजों के बिना आगे बढ़ने का समय आ सकता है।
इंडियन क्रिकेट का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या WTC फाइनल की रेस में यह दोनों खिलाड़ी एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित कर पाते हैं या नहीं। आइए, इंतजार करते हैं और देखते हैं कि आने वाले मैचों में क्या होता है।
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