Digital Payments in India: Is the Era of Debit Cards Coming to an End?

भारत में डिजिटल पेमेंट का सफर साल 1987 में शुरू हुआ, जब HSBC बैंक ने मुंबई में देश का पहला ATM लगाया। इसके साथ ही Debit Card का दौर भी शुरू हुआ। यह उस समय एक क्रांतिकारी कदम था, जिसने पैसे निकालने और ट्रांजैक्शन करने का तरीका बदल दिया। लेकिन अब ऐसा लगता है कि डेबिट कार्ड धीरे-धीरे बीते दिनों की बात होते जा रहे हैं।

आज लोग पहले के मुकाबले डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत कम कर रहे हैं। सवाल यह है कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने Debit Card की जरूरत को खत्म कर दिया है? आइए इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।

UPI: डिजिटल पेमेंट का नया चेहरा

UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे आसान और सबसे लोकप्रिय तरीका बन गया है। इसका असर इतना गहरा है कि अक्टूबर 2023 में UPI से 16.5 बिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए। इस दौरान Debit Card और मोबाइल वॉलेट के इस्तेमाल में भारी गिरावट आई।

दिवाली सीजन में रिकॉर्ड तोड़ ट्रांजैक्शन

दिवाली 2023 के दौरान UPI ​​ने 10 बिलियन मर्चेंट ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार कर लिया। यह पिछले साल से 53% ज़्यादा है। 31 अक्टूबर को UPI ने 64.4 करोड़ ट्रांजैक्शन दर्ज किए, जो एक दिन में अब तक का सबसे ज़्यादा रिकॉर्ड है।

डेबिट कार्ड से जुड़े कई तथ्य और जानकारी हैं, जिनके बारे में आमतौर पर लोगों को जानकारी नहीं होती। ये न सिर्फ़ उपयोगी हैं, बल्कि आपके डेबिट कार्ड को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने में आपकी मदद कर सकते हैं:

1. Debit Card पर छिपे हुए शुल्क

ATM शुल्क: बैंक के ATM से मुफ़्त ट्रांजैक्शन की एक सीमा होती है। अगर आप मुफ़्त सीमा से ज़्यादा पैसे निकालते हैं, तो शुल्क देना पड़ता है।

अंतर्राष्ट्रीय ट्रांजैक्शन शुल्क: अगर आपका डेबिट कार्ड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करता है, तो हर ट्रांजैक्शन पर विदेशी मुद्रा रूपांतरण शुल्क लगाया जाता है।

Debit Card रखरखाव शुल्क: बैंक आमतौर पर सालाना कार्ड रखरखाव शुल्क लेते हैं, जिसके बारे में ग्राहकों को जानकारी नहीं होती।

2. डेबिट कार्ड EMI शर्तें

कुछ डेबिट कार्ड EMI ऑफ़र करते हैं, लेकिन यह हर कार्ड पर लागू नहीं होता।

आपके बैंक खाते में पर्याप्त बैलेंस या प्री-अप्रूव्ड लिमिट होनी चाहिए।

इन EMI पर ब्याज दर अक्सर क्रेडिट कार्ड EMI से ज़्यादा हो सकती है।

3. डेबिट कार्ड के ज़रिए क्रेडिट ट्रांज़ेक्शन

कुछ बैंकों ने अपने Debit Card को क्रेडिट की तरह इस्तेमाल करने की सुविधा दी है। इसे ओवरड्राफ्ट सुविधा कहते हैं।

यह सिर्फ़ उन ग्राहकों के लिए है जिनका बैंकिंग इतिहास अच्छा है।

इसमें बैंक एक तय सीमा तक उधार लेने की सुविधा देता है।

4. कॉन्टैक्टलेस डेबिट कार्ड का सुरक्षा जोखिम

कॉन्टैक्टलेस डेबिट कार्ड का इस्तेमाल बिना पिन के ₹5,000 तक के भुगतान के लिए किया जा सकता है।

अगर आपका कार्ड खो जाता है और कोई इसका गलत इस्तेमाल करता है, तो बिना पिन के ट्रांज़ेक्शन किया जा सकता है।

इसे रोकने के लिए बैंक से तुरंत कार्ड ब्लॉक करवाएँ और कॉन्टैक्टलेस ट्रांज़ेक्शन की लिमिट कम करवाएँ।

5. डेबिट कार्ड पर बीमा कवर

कई डेबिट कार्ड यूज़र को पता नहीं होता कि उनके कार्ड पर मुफ़्त बीमा कवर मिलता है।

इस कवर में दुर्घटना बीमा, खरीद सुरक्षा और धोखाधड़ी से सुरक्षा शामिल हो सकती है।

यह कवर तभी लागू होता है जब कार्ड का सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा हो।

6. डेबिट कार्ड से कैशबैक ऑफर

क्रेडिट कार्ड के कैशबैक ऑफर के बारे में तो लोग अक्सर जानते ही हैं, लेकिन कुछ डेबिट कार्ड कैशबैक या डिस्काउंट भी देते हैं।

उदाहरण के लिए, ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कुछ बैंकों के Debit Card से की गई खरीदारी पर विशेष छूट।

7. आप डेबिट कार्ड की ट्रांजेक्शन लिमिट को कस्टमाइज़ कर सकते हैं

Debit Card में एक डिफॉल्ट डेली ट्रांजेक्शन लिमिट सेट होती है, जिसे आप अपने बैंक की मदद से बढ़ा या घटा सकते हैं। यह सुविधा ऑनलाइन नेट बैंकिंग या बैंक ब्रांच से मिलती है।

8. वर्चुअल डेबिट कार्ड का इस्तेमाल

आजकल कई बैंक वर्चुअल डेबिट कार्ड देते हैं। यह एक डिजिटल कार्ड होता है, जिसका कोई फिजिकल फॉर्म नहीं होता। ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन के लिए सुरक्षित विकल्प।

9. डेबिट कार्ड पर ओटीपी आधारित सुरक्षा

डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की सुविधा होती है।

अगर कोई आपके कार्ड की डिटेल चुरा भी लेता है, तो वह बिना ओटीपी के ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएगा।

इसलिए अपना मोबाइल नंबर हमेशा अपडेट रखें।

10. डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर जीएसटी

जब भी आप डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ फीस पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लगाया जाता है।

यह फीस आमतौर पर छोटे ट्रांजैक्शन में नहीं दिखती, लेकिन बड़े ट्रांजैक्शन में दिखती है।

11. डेबिट कार्ड से ऑनलाइन धोखाधड़ी के खतरे

डेबिट कार्ड से की गई धोखाधड़ी में चार्जबैक की सुविधा नहीं होती, जो क्रेडिट कार्ड में उपलब्ध है।

अगर डेबिट कार्ड से पैसे कट जाते हैं और यह धोखाधड़ी है, तो पैसे वापस मिलने में समय लग सकता है।

इसलिए, हमेशा सुरक्षित वेबसाइट और भरोसेमंद पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल करें।

12. डेबिट कार्ड पर अतिरिक्त एटीएम शुल्क

गैर-बैंक एटीएम का इस्तेमाल करने पर ज़्यादा शुल्क लगता है।

ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में बैंक एटीएम का इस्तेमाल करना ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है।

13. डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से क्रेडिट स्कोर नहीं बनता

Debit Card से आप सिर्फ़ अपने खाते में मौजूद पैसे से खर्च कर सकते हैं, इसलिए इससे क्रेडिट स्कोर नहीं बनता।

अगर आप क्रेडिट स्कोर बनाना चाहते हैं, तो आपको क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।

इन बिंदुओं को जानकर और समझकर आप अपने डेबिट कार्ड का अधिक स्मार्ट तरीके से उपयोग कर सकते हैं और धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

Table of Contents

Debit Card की कमी: क्या हैं कारण?

EMI ऑफर की कमी

जबकि क्रेडिट कार्ड त्योहारी सीजन में कई आकर्षक EMI ऑफर देते हैं, डेबिट कार्ड पर ऐसी स्कीम लगभग न के बराबर हो गई हैं। उदाहरण के लिए, इस साल ADFC जैसे बैंकों ने Debit Card पर EMI की कोई सुविधा नहीं दी।

UPI का बढ़ता प्रभाव

UPI की सुविधा और स्पीड ने Debit Card की मांग को कम कर दिया है। अब लोग सीधे बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन करना पसंद करते हैं, जिससे कार्ड स्वाइप की जरूरत कम हो गई है।

मोबाइल वॉलेट का सीमित इस्तेमाल

UPI के सामने मोबाइल वॉलेट भी कमजोर साबित हो रहे हैं। अक्टूबर 2023 में मोबाइल वॉलेट ट्रांजेक्शन 44.2 करोड़ रहा, जो पिछले साल से 17% कम है।

क्या Debit Card का जमाना खत्म हो गया है?

Debit Card अब लगभग ATM से पैसे निकालने तक ही सीमित रह गए हैं। वहीं, क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अक्टूबर 2023 में यह 35% बढ़कर 43.3 करोड़ पर पहुंच गया।

यह तो साफ है कि डिजिटल भुगतान का भविष्य UPI के इर्द-गिर्द ही घूमता है। UPI ने न सिर्फ भुगतान को आसान बनाया है, बल्कि इसे हर वर्ग के लिए सुलभ भी बनाया है।

निष्कर्ष: UPI का भविष्य

भारत में Debit Card का दौर भले ही खत्म हो रहा हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह पूरी तरह खत्म हो जाएगा। ATM और कुछ दूसरे कामों के लिए इसकी जरूरत बनी रहेगी। हालांकि, UPI की गति और सुविधा ने इसे भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे बड़ा माध्यम बना दिया है।

आने वाले समय में हमें तकनीक के साथ-साथ भुगतान के तरीकों में भी और बदलाव देखने को मिल सकते हैं। लेकिन एक बात तो तय है- UPI भारत के डिजिटल भविष्य का सबसे मजबूत स्तंभ है।

Leave a Comment