Gautam Adani suffers huge loss due to US allegations: Know how!

आजकल Gautam Adani और उनके अडानी ग्रुप का नाम सुर्खियों में है, लेकिन इस बार यह चर्चा किसी अच्छे काम के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े विवाद और आरोप के कारण है। हाल ही में अमेरिका में हुए एक मामले ने गौतम अडानी को बड़ा झटका दिया है। इस मामले के बाद उनकी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई, जिसका सीधा असर उनकी संपत्ति और नेटवर्थ पर पड़ रहा है। इसके साथ ही दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में उनकी रैंकिंग भी गिर गई है। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि अमेरिका ने गौतम अडानी को किस तरह नुकसान पहुंचाया और इसका उनकी वित्तीय स्थिति और रैंकिंग पर क्या असर पड़ा।

अमेरिका में आरोप: Gautam Adani पर रिश्वत देने का आरोप

अमेरिका में एक गंभीर आरोप के बाद Gautam Adani और उनके ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इस आरोप के मुताबिक Gautam Adani पर अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को सोलर कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है।

अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग (एसईसी) ने इस मामले में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को समन जारी किया है।

यह आरोप गौतम अडानी और उनके समूह के लिए नई मुसीबत लेकर आया है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, इस विवाद के बाद अडानी के शेयरों में भारी गिरावट आई। इससे उनकी नेटवर्थ में भी भारी कमी आई। आज अडानी की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमत बहुत निचले स्तर पर आ गई है, जो इस बात का संकेत है कि यह आरोप उनके लिए गंभीर वित्तीय संकट बनकर उभरा है। गौतम अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट अमेरिका में लगाए गए इन आरोपों के बाद गौतम अडानी की नेटवर्थ में अचानक कमी आ गई है।

गौतम अडानी की संपत्ति पहले करीब 75 अरब डॉलर थी, लेकिन अब यह घटकर करीब 70.8 अरब डॉलर रह गई है। महज 24 घंटे में उनकी संपत्ति में 1.19 अरब डॉलर (करीब 10,000 करोड़ रुपये) की गिरावट आई है, जो बहुत बड़ी गिरावट है। इस गिरावट का असर न सिर्फ उनकी निजी संपत्ति पर पड़ा है, बल्कि उनके द्वारा लिस्टेड कंपनियों के शेयरों को भी भारी नुकसान हुआ है। इस गिरावट का सीधा असर अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण पर भी पड़ा है, जिससे समूह की वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है।

Gautam Adani की रैंकिंग में गिरावट

Gautam Adani पहले दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 18वें स्थान पर थे। लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों और उनके समूह के शेयरों में गिरावट के बाद उनकी रैंकिंग 21वें स्थान पर आ गई है। इस रैंकिंग में गिरावट के कारण मैक्सिकन अरबपति कार्लोस स्लिम हेलू अब दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।

Gautam Adani के लिए यह गिरावट एक बड़ा झटका है, क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत और व्यावसायिक निर्णयों के जरिए लगातार अपनी संपत्ति और रैंकिंग को ऊंचाइयों पर पहुंचाया था। लेकिन इस नई घटना ने उनकी वित्तीय स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है।

क्या है यूएस सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) का समन?

यूएस सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने Gautam Adani और उनके भतीजे सागर अडानी को समन जारी कर रिश्वतखोरी के आरोपों का जवाब देने को कहा है। समन के मुताबिक, दोनों को 60 दिनों के भीतर आरोपों का जवाब देना है।

यह समन खास तौर पर Gautam Adani के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर अडानी के घर भेजा गया है। इस समन का उद्देश्य दोनों से यह पूछना है कि क्या उन्होंने वाकई भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी है, जैसा कि आरोप में कहा गया है।

यह समन सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन द्वारा उठाया गया एक गंभीर कदम है और यह स्पष्ट है कि Gautam Adani और उनके परिवार की अब अमेरिकी कानून के तहत जांच की जा रही है।

हिंडनबर्ग के बाद दूसरा बड़ा संकट

Gautam Adani के लिए यह दूसरा बड़ा संकट है, जो उनके कारोबारी साम्राज्य पर आ पड़ा है। इससे पहले 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च नामक अमेरिकी फर्म ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई और गौतम अडानी की संपत्ति में भी कई अरब डॉलर की कमी आई।

अब इस नए आरोप ने अडानी ग्रुप को एक और बड़ा झटका दिया है, जिससे उनकी कारोबारी और वित्तीय स्थिति फिर से चुनौतीपूर्ण हो गई है। इन घटनाओं ने अडानी के कारोबारी साम्राज्य को प्रभावित किया है और देखना यह है कि वह इससे कैसे निपटते हैं।

निष्कर्ष

अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों ने Gautam Adani के लिए एक गंभीर संकट पैदा कर दिया है। उनके द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है और उनकी नेटवर्थ में भी कमी आई है। इसके साथ ही दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में भी उनकी रैंकिंग गिर गई है।

हालांकि अडानी के लिए यह मुश्किल समय है, लेकिन देखना यह है कि वह इस संकट से कैसे उबरते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कोई नया रास्ता अपनाते हैं या नहीं। एक बात तो तय है कि आने वाले समय में अडानी समूह के लिए कई चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन उनका कारोबारी साम्राज्य इतना मजबूत है कि वह इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं।

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