GST (वस्तु एवं सेवा कर) भारत में एक महत्वपूर्ण कर प्रणाली है, जिसे पूरे देश में एक समान कर लागू करने के लिए शुरू किया गया था। समय-समय पर इसमें बदलाव होते रहते हैं और हाल ही में जीएसटी परिषद की बैठक में कई नए फैसले लिए गए हैं, जिनका असर आम नागरिकों, कारोबारियों और अन्य क्षेत्रों पर पड़ेगा। इस ब्लॉग में हम उन फैसलों को सरल भाषा में समझने की कोशिश करेंगे, ताकि आम नागरिक भी इसे आसानी से समझ सके।
1. उम्मीदें और चर्चाएं: लोग क्या सोच रहे थे?
लंबे समय से GST परिषद की बैठक को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं। लोग सोच रहे थे कि शायद स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा पर कर की दरें कम की जा सकती हैं। कुछ लोगों को उम्मीद थी कि गेमिंग उद्योग पर भी कर में बदलाव हो सकता है। हालांकि, जब बैठक खत्म हुई, तो ऐसी कई उम्मीदें टूट गईं और चर्चाएं खत्म हो गईं।
2. अच्छी खबर: कैंसर की दवाओं और नमकीन पर राहत
हालांकि चर्चाओं का अंत कई लोगों के लिए निराशाजनक रहा, लेकिन दो अच्छी खबरें भी सामने आईं। पहली खबर यह थी कि कैंसर की दवाओं पर जीएसटी की दरें कम कर दी गई हैं। यह कदम कई मरीजों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। दूसरी राहत नमकीन पर दी गई है, जहां एक्सट्रूडेड और एक्सपैंडेड सेव और स्नैक्स पर जीएसटी कम कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब सेव, भुजिया और गाठिया जैसी नमकीन चीजें सस्ती हो जाएंगी।
नमकीन पर राहत की गहराई
नमकीन बनाने की प्रक्रिया में दो तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है- एक्सट्रूज़न और एक्सपैंडेड। एक्सट्रूज़न का मतलब है कि सामग्री को एक ट्यूब में डालकर एक खास आकार में दबाया जाता है। जैसे सेव और गाठिया। वहीं एक्सपैंडेड का मतलब है कि तेल में डालने के बाद चीजें फूल जाती हैं, जैसे पॉपकॉर्न या कुछ भुजिया स्नैक्स। अब इन दोनों तरह की प्रक्रियाओं से बनने वाले नमकीन पर GST की दरें कम कर दी गई हैं, जिसका सीधा फायदा आम जनता को होगा।
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3. कार और बाइक की सीटों पर GST की दर में बढ़ोतरी
GST में थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन कार और बाइक की सीटों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। यह कदम उन लोगों के लिए निराशाजनक हो सकता है जो नया वाहन खरीदने की योजना बना रहे थे। हालांकि, इसका सीधा असर सभी पर नहीं पड़ेगा, लेकिन ऑटोमोबाइल सेक्टर में इसका असर जरूर देखने को मिल सकता है।
4. स्वास्थ्य बीमा पर अभी भी इंतजार
उम्मीद थी कि इस बैठक में स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी घटाने को लेकर कोई ठोस फैसला लिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बजाय अब यह मामला मंत्रियों के समूह (जीओएम) को सौंप दिया गया है। इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देनी है और नवंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर पुनर्विचार किया जाएगा। तब तक स्वास्थ्य बीमा धारकों को इंतजार करना होगा।
5. गेमिंग इंडस्ट्री पर GST: बढ़ी हुई कमाई और भविष्य
जीएसटी की नई दरों के बाद पिछले छह महीनों में गेमिंग इंडस्ट्री, खासकर ऑनलाइन गेमिंग में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। वित्त मंत्री ने बताया कि रियल मनी गेमिंग से 6909 करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो 412 फीसदी की बढ़ोतरी है। ऐसे में इस सेक्टर को जीएसटी में राहत मिलने की संभावना कम ही है।
ऑनलाइन गेमिंग में क्या है विवाद?
ऑनलाइन गेमिंग में विवाद इस बात पर था कि किस पर टैक्स लगाया जाए- गेमिंग की कीमत पर या पूरी डील पर। इस मामले पर अभी भी पूरी तरह स्पष्टता नहीं है, लेकिन यह तय है कि सरकार को इस सेक्टर से काफी राजस्व मिल रहा है।
6. शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिए बड़ी राहत
बड़ी शैक्षणिक और शोध संस्थाओं के लिए एक और अच्छी खबर है। अब इन संस्थाओं को मिलने वाली शोध अनुदान राशि पर GST छूट दी जाएगी, बशर्ते कि संस्था या तो केंद्र या राज्य सरकार के अधिनियम से बनी हो या आयकर अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त हो। इससे ऐसे संस्थानों को बड़ी राहत मिलेगी, जो शोध और विकास के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
7. अभी भी अनसुलझे मुद्दे: क्या जीएसटी पर सवाल खत्म हो गए हैं?
हालांकि इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई और कुछ फैसले भी लिए गए, लेकिन GST के कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। स्वास्थ्य बीमा, गेमिंग उद्योग और कुछ अन्य क्षेत्रों में अभी भी सुधार की गुंजाइश है, जो आगामी बैठकों में देखने को मिलेगी।
निष्कर्ष
GST परिषद की इस बैठक में कुछ अच्छे फैसले लिए गए, जैसे कैंसर की दवाओं पर टैक्स में राहत और स्नैक्स पर जीएसटी में कमी। हालांकि, स्वास्थ्य बीमा और गेमिंग उद्योग जैसे मुद्दों पर अभी और चर्चा की जरूरत है। ऐसे में यह देखना बाकी है कि आने वाले समय में GST में और क्या बदलाव होते हैं। फिलहाल, आम नागरिकों को उम्मीद है कि जीएसटी में होने वाले बदलाव उनके लिए ज्यादा सुविधाजनक और सस्ते होंगे।