8 players dropped from Team India: A game of luck or lack of performance?

भारतीय क्रिकेट Team में खिलाड़ियों का आना-जाना आम बात है। कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपनी मेहनत और प्रदर्शन के दम पर Team में अपनी जगह पक्की कर लेते हैं, जबकि कुछ का सफर छोटा ही रह जाता है। इस लेख में हम ऐसे ही 8 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा करेंगे जो कभी Team इंडिया के स्टार थे, लेकिन अब Team से बाहर हैं। इन खिलाड़ियों का Team से बाहर होना इस साल होने वाले अहम मुकाबलों के लिहाज से और भी अहम हो जाता है, क्योंकि आने वाले समय में कई बड़े टूर्नामेंट होने हैं, जिनमें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शामिल है।

श्रेयस अय्यर: मध्यक्रम की उम्मीदों का अंत

श्रेयस अय्यर का नाम भारतीय क्रिकेट के सबसे होनहार बल्लेबाजों में गिना जाता था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह पक्की कर ली थी और उन्हें चौथे नंबर पर खेलने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें Team से बाहर कर दिया गया। दुलीप ट्रॉफी में भी उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, जिससे उनकी वापसी की संभावना और कम हो गई।

केएस भरत: विकेटकीपिंग की दौड़ में पिछड़े

ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में केएस भरत को Team इंडिया के विकेटकीपर के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन उन्हें जितने भी मौके मिले, वे अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। उनकी पारी 17, 6, 41, 28, 5, 23, 44, 17, 3, 6 और 8 रन तक ही सीमित रही, जो उन्हें Team से बाहर करने के लिए काफी कारण थे। ऋषभ पंत की वापसी के बाद केएस भरत की वापसी की संभावना और भी कम हो गई है।

रजत पाटीदार: आईपीएल के सितारे, लेकिन टेस्ट में फेल

रजत पाटीदार ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया और उनसे टेस्ट क्रिकेट में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। लेकिन पांच पारियों में उनका प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा। उन्होंने 32, 0, 5, 0 और 1 रन बनाए, जिससे टीम में उनकी जगह पक्की नहीं हुई।

देवदत्त पडिक्कल: प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सितारा, लेकिन मौका नहीं मिला

देवदत्त पडिक्कल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और Team इंडिया में शामिल किए गए। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ सीमित मौके मिलने के बावजूद वे कुछ खास नहीं कर पाए। उन्होंने एक मैच में 65 रन बनाए, लेकिन Team में अपनी जगह बरकरार रखने के लिए उन्हें और भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा।

मुकेश कुमार: बिहार के तेज गेंदबाज का दुर्भाग्य

मुकेश कुमार का नाम बिहार के उभरते तेज गेंदबाजों में गिना जाता है। उन्होंने टेस्ट, टी20 और वनडे तीनों फॉर्मेट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। लेकिन आकाशदीप और यश दयाल जैसे नए खिलाड़ियों के आने से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। तीन मैचों में सात विकेट लेने के बावजूद उनकी जगह पक्की नहीं हो सकी और आने वाले समय में उनकी संभावना और कम हो सकती है।

वाशिंगटन सुंदर: ऑलराउंडर की कमी का प्रभाव

वॉशिंगटन सुंदर को भी टीम इंडिया में बतौर ऑलराउंडर देखा जा रहा था. लेकिन इंग्लैंड सीरीज के बाद उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला. सुंदर बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में अच्छे हैं, लेकिन जडेजा की वापसी के बाद उनके लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने चार मैचों में 265 रन बनाए और कुछ विकेट भी लिए, लेकिन यह काफी नहीं था.

आवेश खान: तेज गेंदबाज की वापसी के इंतजार में

आवेश खान को इंग्लैंड सीरीज के लिए भी चुना गया था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। बांग्लादेश सीरीज में उनकी वापसी की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें वहां भी मौका नहीं मिला। आवेश खान की तेज गेंदबाजी टीम के लिए फायदेमंद हो सकती थी, लेकिन उनकी अनियमितता ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।

सौरभ कुमार: स्पिनर की किस्मत ने दिया धोखा

सौरभ कुमार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। सौरभ कुमार की फिरकी का जादू टीम को फायदा पहुंचा सकता था, लेकिन उन्हें अपना हुनर ​​दिखाने का मौका नहीं मिला।

आगे का सफर: वापसी की उम्मीदें और चुनौतियां

इन खिलाड़ियों के लिए टीम में वापसी करना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. भारतीय क्रिकेट में इतनी प्रतिस्पर्धा है कि टीम में अपनी जगह बनाए रखना आसान नहीं है. हालांकि, यह भी सच है कि क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है. अगर ये खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें एक बार फिर टीम में मौका मिल सकता है. इस साल टीम इंडिया के पास कई बड़े टूर्नामेंट हैं और इनमें से किसी भी खिलाड़ी को मौका मिल सकता है अगर वो अपने खेल में सुधार करते हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इनमें से कौन सा खिलाड़ी अपनी खोई हुई जगह वापस हासिल कर पाएगा.

निष्कर्ष: क्या वापसी संभव है?

टीम इंडिया से बाहर हुए इन 8 खिलाड़ियों का सफर अभी मुश्किल लग सकता है, लेकिन क्रिकेट में किस्मत और मेहनत का बहुत महत्व है। अगर ये खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं और घरेलू क्रिकेट में अपना दबदबा बनाते हैं, तो उन्हें एक बार फिर टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका मिल सकता है। लेकिन इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने खेल को नए स्तर पर ले जाना होगा। यह तो वक्त ही बताएगा कि इनमें से कौन सा खिलाड़ी अपनी किस्मत बदलने में कामयाब होता है और कौन इस दौड़ में पीछे रह जाता है।

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